पार्किंग की समस्या से जूझ रही दिल्ली में एक से ज्यादा कार रखने वालों से पार्किंग शुल्क लिया जा सकता है। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने सुप्रीम कोर्ट में एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें आवासीय इलाके में घर से अधिक कार रखने वालों को मासिक पास जारी करने के साथ उनसे शुल्क लेने की सिफारिश की गई है। साथ ही साझा पार्किंग व्यवस्था पर काम करने को कहा गया है।
दिल्ली सरकार वर्तमान में ड्राफ्ट पार्किंग पॉलिसी पर काम कर रही है। उसके आधार पर ही लाजपत नगर थर्ड आवासीय कॉलोनी में पार्किंग प्रबंधन का एक पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है। कोर्ट ने ईपीसीए से पार्किंग पॉलिसी पर रिपोर्ट मांगी थी। ईपीसीए ने डीडीए व निगम अफसरों के साथ हुई बैठक और पायलट प्रोजेक्ट से सामने आए आंकड़ों के आधार पर यह रिपोर्ट सौंपी है।
लाजपत नगर को आधार मानते हुए इसमें पूरी दिल्ली के लिए यह सिफारिश की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक लाजपत नगर थर्ड में कुल 13 ब्लॉक हैं जहां 3510 कार पार्किंग की जरूरत है। लेकिन, उपलब्धता 1830 कार के लिए है। मसलन घरों से 109% अधिक वाहन हैं। रिपोर्ट में सार्वजनिक वाहनों का प्रयोग करने को कहा गया है।
ईपीसीए की रिपोर्ट के मुताबिक, आवासीय इलाकों में दिन में जहां 30 कारें खड़ी होती हैं, वहीं रात में 300 कारें। दफ्तरों में 100 कारें दिन में पार्क की जाती हैं। रात में यहां महज 10 गाड़ियां ही होती हैं। स्कूल परिसर में सुबह 100 कारें खड़ी होती हैं और रात में एक गाड़ी। ऐसे में इन स्थानों का इस्तेमाल साझा पार्किंग में किया जा सकता है।
साझा पार्किंग व्यवस्था के अनुसार दिल्ली में कई जगह ऐसी हैं जहां पार्किंग दिन में तो प्रयोग होती हैं मगर रात में नहीं। ऐसे में पास की कॉलोनियों में खड़ी कारों को वहां पर खड़ा किया जाए। वहां तक वाहन लाने और ले जाने के लिए शुल्क वसूला जाए।